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इस महल पर गिरती है बारिश की पहली बूंद, राजा यहां से देखा करते थे बादल,उदयपुर।राजस्थान राजे-रजवाड़ों की गाथाएं और यहां के अद्भुत किले, महल और बावड़ी के लिए जाना जाता है। ऐसा ही एक यूनीक पैलेस है उदयपुर में। मानसून पैलेस के नाम से मशहूर इस पैलेस में मानसून की पहली बारिश की बूंद टपकती है। इसके बाद पूरे शहर पर बारिश की बूंदें गिरती हैं। इस पैलेस से महाराजा सज्जन सिंह देखा करते थे मानसून के बादल---30 मार्च को राजस्थान का स्थापना दिवस है। आपको उदयपुर के एक ऐसे महल के बारे में बता रहा है जो न केवल पर्यटन की दृष्टि से बेहद खास है, बल्कि यहां से उदयपुर शहर में बारिश की संभावनाओं को भी जाना जा सकता है।
- मेवाड़ के राजा सज्जन सिंह ने इस पैलेस का निर्माण वर्ष 1884 में कराया था।
- यह समुद्र तल से 3100 फीट की ऊंचाई पर बना है। उदयपुर में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर यह पैलेस है। ऐसे में बारिश की पहली बूंदें इस पैलेस पर ही गिरती हैं।
- महाराजा सज्जन सिंह ने यह पैलेस मानसून के बादलों को देखने और बारिश का अनुमान लगाने के साथ ही मानसून का लुत्फ लेने के लिए बनवाया था।
- राजा सज्जन सिंह की असामयिक मृत्यु के कारण महल का निर्माण रुक गया। बाद में उनके उत्तराधिकारी महाराणा फतेह सिंह ने महल के निर्माण का कार्य पूरा किया।
- यह सुंदर महल सफेद संगमरमर से निर्मित है। सैलानी इस जगह से पिछौला लेक आसपास के ग्रामीण इलाकों के अद्भुत दृश्यों का आनंद लेते हैं।
- इसे अरावली रेंज के बंसदारा चोटी पर बनाया गया है।